हरियाणा में जीत के बाद महाराष्ट्र में घमासान, मराठा आंदोलन से कैसे निपटेगी भाजपा?

BJP Strategy For Maharashtra Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के सामने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का सामना करने की बड़ी चुनौती है. झारखंड में उसे झामुमो गठबंधन से सत्ता छीननी है, वहीं, महाराष्ट्र

4 1 4
Read Time5 Minute, 17 Second

BJP Strategy For Maharashtra Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के सामने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव का सामना करने की बड़ी चुनौती है. झारखंड में उसे झामुमो गठबंधन से सत्ता छीननी है, वहीं, महाराष्ट्र में सत्ता बरकार रखने का बड़ा टास्क पूरा करना है. इन दोनों राज्यों में भी महाराष्ट्र में भाजपा के लिए नए गठबंधन के साथ पहली बार चुनावी मैदान में उतरना होगा.

हरियाणा के नतीजे से खिले महाराष्ट्र में भाजपा नेताओं के चेहरे

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजे भाजपा में लोगों के विश्वास की पुष्टि करते हैं. वहीं, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "हरियाणा के बाद भी जीत का सिलसिला जारी रहेगा. महाराष्ट्र चुनाव में हम और बड़ी जीत हासिल करेंगे." इसके साथ ही कयास लगाए जाने लगे हैं कि हरियाणा में जीत के बाद भाजपा के अगले चुनावी पड़ाव महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच चुनावी मुकाबला कैसा हो सकता है?

तमाम अच्छे संकेतों के बावजूद महाराष्ट्र में भाजपा के लिए चुनौती

हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में जोरदार वापसी के बाद भाजपा को उम्मीद है कि इसका महाराष्ट्र में भी असर होगा. हालांकि, चार महीने पहले ही महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतने के बाद से विपक्षी गठबंधन एमवीए उत्साहित दिख रहा है. मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में कांग्रेस अब वहां मजबूत स्थिति में चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर जटिल बातचीत के बीच भाजपा को दूसरे समीकरणों का सामना करना पड़ेगा.

हरियाणा में सत्ता में वापसी से महाराष्ट्र में बढ़ी भाजपा की उम्मीद

हरियाणा और जम्मू कश्मीर में मतगणना वाले दिन 8 अक्टूबर (मंगलवार) को जब हरियाणा में रुझानों से संकेत मिले कि भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है, तो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोगों के अटूट विश्वास की पुष्टि करता है. वहीं, अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना दिखाता है कि भारतीय लोकतंत्र मजबूत है."

आधे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री रहे उद्धव ठाकरे, आधे में शिंदे

महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे सरकार के पांच साल के कार्यकाल के आधे समय तक ही सीएम रह पाए. इसलिए भाजपा नेताओं को उम्मीद नहीं है कि राज्य के चुनावों में सत्ता विरोधी लहर हरियाणा की तरह बड़ा मुद्दा बनेगी. हरियाणा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला था. उसके उलट महाराष्ट्र में मामला थोड़ा जटिल है. वहां छह दलों वाले दो गठबंधनों के बीच मुकाबला है. दोनों गठबंधनों के अंदर की पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सत्ता संघर्ष चल रहा है.

महाराष्ट्र के दोनों गठबंधनों में टिकट बंटवारे की मुश्किल चुनौती

महाविकास आघाड़ी और महायुति दोनों ही गठबंधन में सभी दलों को अपने नेताओं और सहयोगियों को समायोजित करने की बड़ी चुनौती है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में टिकट चाहने वाले उम्मीदवार चुनाव से चूक जाएंगे. गठबंधन और सहयोगी दल इसके बाद उभरने वाले असंतोष से कैसे निपटते हैं, यह तय कर सकता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन कैसा रहेगा.

महायुति के बीच लंबी बातचीत से से लोकसभा चुनावों में नुकसान

भाजपा लोकसभा चुनावों के दौरान गठबंधन के बीच नुकसान पहुंचाने वाली लंबी बातचीत से इस बार बचना चाहती है. भाजपा सूत्रों के मुताबिक, साझा नेतृत्व ने फैसला किया है कि गठबंधन की सभी पार्टी अपने मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों को बरकरार रखेगी, जिसका मतलब है कि भाजपा के लिए कम से कम 105 सीटें, शिवसेना के लिए 40 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के लिए 41 सीटें. इस प्रकार कुल 288 सीटों में से 102 पर अभी भी फैसला नहीं हुआ है.

एनसीपी-भाजपा और शिवसेना में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी

महाराष्ट्र में कहा जा रहा है कि महायुति में एनसीपी 85-90 सीटों के लिए जोर दे रही है. वहीं, भाजपा कम से कम 155 से 160 सीटों के लिए जोर दे रही है, क्योंकि इससे कम सीटें मिलने पर राज्य इकाई में असंतोष पैदा हो सकता है. वहीं, शिवसेना मुंबई, ठाणे और कोंकण में खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है, और पहले दो क्षेत्रों में क्रमशः 36 और 24 निर्वाचन क्षेत्रों की मांग कर रही है.

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार से मांगी मदद

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन और चुनाव के दौरान उससे जुड़े मुद्दों की चुनौती से निपटने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े सभी संगठनों से खुलकर मदद मांगी है. भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं से भी बार-बार कहा है कि वे आत्मसंतुष्टि से बचें. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह चुनाव से पहले की समस्याओं को हल करने के लिए दो महीनों में दो बार महाराष्ट्र का दौरा कर चुके हैं.

ये भी पढ़ें - Explainer: हरियाणा की हार के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस का क्या होगा? शिवसेना ने तो सुना दिया

अमित शाह ने की भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश

पिछले सप्ताह मुंबई में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जो अभी भी हार मान रहे हैं, वे हार मान लें. उन्होंने कहा, “आप रक्षात्मक क्यों हैं? आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आई है. यह एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि है."

ये भी पढ़ें - Haryana Chunav: भले ही BJP कोसे लेकिन वंशवादी नेताओं ने भरपूर खिलाया 'कमल', कांग्रेस से रहा है नाता

दो महीनों के लिए 24×7 समर्पित रहिए, भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील

उन्होंने आगे कहा, "भाजपा कार्यकर्ताओं को बस इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि अधिक से अधिक लोग वोट देने के लिए अपने घरों से निकलें. बस इतना ही. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे लोग किसे वोट देते हैं. बस लोगों तक पहुंचें और उन्हें वोट डालने के लिए प्रेरित करें." अमित शाह ने पिछले महीने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा था, "आपको अगले दो महीनों के लिए 24×7 समर्पित होना होगा."

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Kultuli Rape Murder Case: ममता सरकार का एक्शन, बच्ची के साथ दरिंदगी मामले की जांच करेगी SIT

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में 10 साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म व हत्या के मामले की जांच के लिए ममता सरकार ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। राज्य सरकार द्वारा बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now